सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अंधेरे की चाह न सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अं...
लड़ते तुम सारी दुनिया से, या केवल अपने से लड़ते ? तुम होते, तो तुम क्या करते ? लड़ते तुम सारी दुनिया से, या केवल अपने से लड़ते ? तुम होते, तो तुम क्या करते ?
इस कविता को पढ़ते ही कहे के क्या शब्द हैं बस। इस कविता को पढ़ते ही कहे के क्या शब्द हैं बस।
आज उन्हीं अपनों की नज़र में बेवजह और बेकार हूँ। आज उन्हीं अपनों की नज़र में बेवजह और बेकार हूँ।
देखा ,,,,,, आगरे का ताजमहल दिल्ली का लालकिला, अमृतसर का पवित्र वो सोने का मंदि देखा ,,,,,, आगरे का ताजमहल दिल्ली का लालकिला, अमृतसर का पवित्र ...
रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई